माननीय बी.आर. सांपला जी (इंग्लैण्ड) अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एक अनूठे विद्वान लेखक हैं। इन्होंने आंबेडकरी-बौद्ध साहित्यिक जगत को एक से बढ़कर एक अनमोल ग्रंथ प्रदान किए हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिरीलंका का इतिहास’ प्रकाशित होकर आई है। निःसंदेह लेखक महोदय अपने इस योगदान के लिए हमारी ओर से बधाई के पात्र हैं। साथ ही हमारे पाठकगण भी बधाई के पात्र हैं कि अब उन्हें एक नए विषय में एक ज्ञानवर्धक पुस्तक के माध्यम से प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इस पुस्तक में सिरीलंका के बसने का विश्वसनीय वर्णन उपलब्ध है। उसके विकास की गाथा के साथ, वह देश कैसे बौद्ध धर्म के प्रभाव में आया और फिर विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए किस प्रकार पुर्तगाली और अंग्रेजों का गुलाम बना और फिर मि. स्टील हैनरी आल्काट और अनागारिक धर्मपाल के पराक्रमपूर्ण प्रयासों से दोबारा एक सुदृढ़ बौद्ध देश बना।
वास्तव में यह पुस्तक प्रत्येक बौद्ध धर्म प्रचारक के हाथों में होनी चाहिए, चाहे वे पूजनीय भिक्खुगण हों या ज्ञानपिपासु उपासकगण।